Saturday 7 March 2015

छत्तीसगढ में एक गॉव है

छत्तीसगढ  में  एक  गॉव  है  जिसका  नाम  कोसला  है
कौशल्या  का  पीहर  है  वह  सरोवरों  के  बीच  पला  है ।

उसी  गॉव  में  लूली -  लँगडी  एक  लडकी  है  सुकवारा
सब  उसको अपमानित  करते  कहते  हैं  फोकट - पारा ।

किसी  तरह  पॉचवीं पास की अब घर - वाले हार गए हैं
नहीं  पढा  सकते अब आगे कह - कर उसे पछाड गए हैं ।

सुकवारा  में  हुनर  बहुत  है  सबका करती सहज नकल
तोता  कोयल  चिडिया  बन्दर  सुकवारा  है सदा सफल ।

कुत्ता - बिल्ली या उल्लू हो मुश्किल है फर्क समझ पाना
बडी  सहजता  से  करती  है  नकल हमेशा सोलह आना ।

केजरीवाल हो या मोदी हो सोनिया हो या फिर अमिताभ
सुकवारा  सब  में पारंगत है इसी हुनर का मिलता लाभ ।

सुकवारा  के  संग  कला  भी  प्रतिदिन  रूप  बदलती  है
सुकवारा की कला दिन ब दिन और भी खूब निखरती है ।

बडे - बडे  शहरों  में उसका  होता  रहता हरदम  प्रोग्राम
मिमिक़री  है  बहुत  लोकप्रिय  इसका मिलता है ईनाम ।

उससे  मिलने  वालों  की अब  लम्बी  लाइन  लगती  है
विकलॉगता  नज़र  नहीं आती  हुनर की तूती बोलती है ।

वाणी का  वैभव अतुलित  है  इसमें  है  अद्भुत - सम्मान
उद्यम से सब कुछ संभव  है जीवन बन जाता  है वरदान ।

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